हम अपने विचारों को नियंत्रित कर सकते हैं | We Can Control Our Thoughts | Buddhist Story In hindi | Best Motivation 2024

हम अपने विचारों को नियंत्रित कर सकते हैं | We Can Control Our Thoughts | Buddhist Story In hindi

दोस्तो आज हम आपके लिए बहुत ही शानदार कहानी लेकर आए हैं.यह कहानी गौतम बुद्ध के समय की है। एक बार एक युवा व्यक्ति बुद्ध के पास आया और उनसे पूछा, “भगवान, मैं हमेशा दुखी रहता हूं। मैं अपनी जिंदगी में शांति और सुख कैसे पा सकता हूं?”

बुद्ध ने मुस्कुराते हुए उस व्यक्ति को एक छोटे से कपड़े के टुकड़े की ओर इशारा किया और कहा, “इस कपड़े को लेकर जाओ और किसी ऐसे घर से एक मुट्ठी चावल मांग लाओ, जहां कभी भी दुख न हुआ हो।”

युवक ने सोचा कि यह तो आसान काम है। वह तुरंत कपड़े का टुकड़ा लेकर गांव की ओर चल पड़ा। पहले घर पर जाकर उसने पूछा, “क्या मैं यहां से एक मुट्ठी चावल ले सकता हूं? लेकिन शर्त यह है कि इस घर में कभी भी दुख न हुआ हो।”

घर के मालिक ने दुखी होकर कहा, “हमारे घर में भी दुख हुआ है।” युवक ने यह सुनकर दूसरे घर का दरवाजा खटखटाया। लेकिन हर जगह से उसे यही जवाब मिला—हर घर में किसी न किसी रूप में दुख हुआ था। Buddhist Story In hindi

दिन भर की कोशिश के बाद, युवक खाली हाथ बुद्ध के पास लौट आया। उसने उनसे कहा, “भगवान, मैं एक भी ऐसा घर नहीं पा सका जहां दुख न हुआ हो।”

बुद्ध ने मुस्कुराते हुए कहा, “यही जीवन का सच है। दुख सभी के जीवन का हिस्सा है। लेकिन इसे स्वीकार करके, हम उससे ऊपर उठ सकते हैं। दुख से बचने की बजाय, हमें उसे समझना और उससे सीखना चाहिए। यही शांति का मार्ग है।”

युवक को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने मन की शांति के लिए ध्यान और आत्मचिंतन का मार्ग अपनाया। धीरे-धीरे उसने अपने जीवन में शांति और सुख पा लिया। Like this:-जीवन की दिशा बदलने वाली सीखें | Best Life Changing lessons | Buddhist story | positive quotes | motivation quote 2024

*शिक्षा*: Buddhist Story In hindi 

यह कहानी हमें सिखाती है कि दुख से भागना समाधान नहीं है। दुख को समझना, उसे स्वीकार करना और उससे सीखना ही सच्ची शांति और सुख का मार्ग है।

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यह कहानी गौतम बुद्ध और उनके एक शिष्य की है। एक बार एक शिष्य ने बुद्ध से पूछा, “भगवान, मैं हमेशा क्रोधित रहता हूं, मुझे अपना गुस्सा कैसे नियंत्रित करना चाहिए?”

बुद्ध ने उसे कहा, “तुम्हें गुस्से को पहले पहचानना होगा। जब भी तुम्हें गुस्सा आए, उसे रोकने का प्रयास मत करो। बस उसे पहचानो, उसके आने का कारण समझो।”

कुछ समय बाद, शिष्य ने फिर से पूछा, “भगवान, मैंने आपकी बात मानी, पर फिर भी मेरा गुस्सा नहीं रुकता। मैं इसे कैसे समाप्त करूं?”

बुद्ध ने मुस्कुराते हुए कहा, “गुस्सा एक अग्नि की तरह है। अगर तुम उसमें ईंधन डालते रहोगे, तो वह और भड़कता जाएगा। लेकिन अगर तुम उसे ईंधन देना बंद कर दोगे, तो वह धीरे-धीरे शांत हो जाएगा।”

शिष्य ने पूछा, “यह ईंधन क्या है, भगवान?”Buddhist Story In hindi

बुद्ध ने कहा, “गुस्से का ईंधन है तुम्हारे विचार। जब तुम बार-बार एक ही बात पर विचार करते हो, जिससे तुम्हें गुस्सा आता है, तो गुस्सा बढ़ता है। लेकिन अगर तुम उस विचार को रोक दोगे और अपनी ध्यान को कुछ और पर केंद्रित करोगे, तो गुस्सा धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा।”

शिष्य ने बुद्ध के इस उपदेश को समझ लिया और अपने विचारों पर नियंत्रण रखने का अभ्यास किया। धीरे-धीरे उसने अपने गुस्से पर विजय प्राप्त की और एक शांतिपूर्ण जीवन जीने लगा। Buddhist Story In hindi

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इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमारे विचार ही हमारे गुस्से का कारण बनते हैं। अगर हम अपने विचारों को नियंत्रित कर सकते हैं, तो हम अपने गुस्से को भी नियंत्रित कर सकते हैं और एक शांतिपूर्ण जीवन जी सकते हैं।

 

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