संकल्प की शक्ति: बुद्ध और किसान की प्रेरक कथा Inspiring story
प्राचीन भारत में, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह दिन-रात मेहनत करता था, लेकिन उसके प्रयासों के बावजूद उसकी फसलें अच्छी नहीं होती थीं। किसान अपने भाग्य से निराश हो चुका था और वह समझ नहीं पा रहा था कि उसे क्या करना चाहिए।
एक दिन, उसने सुना कि गौतम बुद्ध उसके गाँव में आए हैं और प्रवचन दे रहे हैं। उसने सोचा कि बुद्ध से मार्गदर्शन प्राप्त करना शायद उसकी समस्याओं का समाधान हो। वह बुद्ध के पास गया और अपनी समस्या को उनके सामने रखा।
बुद्ध ने ध्यान से किसान की बात सुनी और मुस्कुराते हुए बोले, “तुम्हारे पास इस संसार की सबसे बड़ी शक्ति है, जिसे तुम शायद भूल चुके हो।”
किसान हैरान हुआ और पूछा, “वह कौन सी शक्ति है, जिसे मैं नहीं जानता?” Inspiring story
बुद्ध ने धीरे से कहा, “संकल्प की शक्ति।”like this:-धैर्य की शक्ति | Power of Patience Inspirational Story In Hindi 2024
किसान ने पूछा, “संकल्प की शक्ति? क्या यह मेरी समस्याओं को हल कर सकती है?”
बुद्ध ने एक पेड़ की ओर इशारा करते हुए कहा, “देखो इस पेड़ को। यह बीज से बड़ा हुआ है, लेकिन यह तब तक नहीं उग सकता था जब तक उस बीज ने संकल्प नहीं लिया कि वह वृक्ष बनेगा। इसी तरह, तुम्हारी फसलें भी तभी फलेंगी जब तुम संकल्प करोगे कि तुम्हारी मेहनत रंग लाएगी।”
किसान ने बुद्ध की बात को गहराई से समझा। उसने सोचा, “अगर मैं अपनी मेहनत में संकल्प की शक्ति को जोड़ दूं, तो मुझे जरूर सफलता मिलेगी।” उसने दृढ़ निश्चय किया कि वह निराशा को छोड़कर, पूरी मेहनत और विश्वास के साथ अपनी खेती करेगा।
वह किसान अपने खेतों में वापस लौटा और संकल्पित होकर खेती करने लगा। उसने पूरी लगन और धैर्य के साथ अपने काम को जारी रखा। धीरे-धीरे, उसकी फसलें पहले से बेहतर होने लगीं। उसकी मेहनत और संकल्प ने उसे सफलता दिलाई।
कुछ समय बाद, वही किसान फिर से बुद्ध के पास गया, इस बार उसने उनके प्रति आभार व्यक्त किया। किसान ने कहा, “आपने मुझे संकल्प की शक्ति का एहसास दिलाया। यही मेरी सफलता की कुंजी बनी।”
बुद्ध ने मुस्कुराते हुए कहा, “सच्चे संकल्प और मेहनत से कोई भी कार्य असंभव नहीं है। यदि तुम अपने संकल्प पर अडिग रहते हो, तो सफलता अवश्य मिलेगी।”
शिक्षा: inspiring story
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में कोई भी लक्ष्य हासिल करना हो, संकल्प की शक्ति सबसे महत्वपूर्ण होती है। केवल मेहनत ही नहीं, बल्कि उस मेहनत में संकल्प और विश्वास जोड़ने से ही असंभव कार्य भी संभव हो सकता है। जब हम पूरी तरह से अपने उद्देश्य के प्रति संकल्पित होते हैं, तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती।
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